Sunday, February 6, 2022

लता मंगेशकर: शब्द, सुर, और लय के महायोग की प्राण -प्रतिष्ठा करने वाला स्वर

शब्द के ब्रह्म स्वरूप को प्रतिष्ठित करने वाला स्वर इस लोक में अपना कार्य पूरा कर महाप्रयाण कर गया। इस लोक की उनकी यात्रा का वर्णन करने के लिए शब्द अपूर्ण हैं और तमाम श्रद्धांजलि अधूरी।

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