Saturday, January 1, 2022

आजादी का अमृत महोत्सव : राजेंद्र बाबू के 'संसार' को मसीहा का इंतजार, आखिर यह उपेक्षा क्यों?

जीरादेई का हृदयस्थल। विराट। सौम्य। विशिष्ट। पर यह धारणा ज्यादा देर तक टिकी नहीं रहती। उनके पुराने घर की टूटी खपरैल की तरह, इस धारणा को तार-तार होते ज्यादा वक्त नहीं लगता। अरे, ये भारत के प्रथम राष्ट्रपति भारत रत्न राजेंद्र प्रसाद की जन्मस्थली है।

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